Neetu Gupta
1993 Delhi
"मेरे अल्फ़ाज"। शायर नहीं मैं, नहीं कोई कवियत्री, बस दिल की आवाज को मेरे अल्फ़ाज बयां करते।"सिर्फ मैं और मेरी स्याही हकदार हैं तुझपे नज्म़ की
बदले में बस कदर चाहिए मेरे एक-एक लफ़्ज की।।
Time : 2024-09-24 14:02:52
सिर्फ मैं और मेरी स्याही हकदार हैं तुझपे नज्म़ की
बदले में बस कदर चाहिए मेरे एक-एक लफ़्ज की।।
Time : 2024-09-24 14:02:52
दिल नादान ख्यालों को ही सच जान लेता है,
जेहन में तेरे तस्वीर को अपना मान लेता है।।
Time : 2022-02-21 18:25:11
हर किसी की आँखों में जो एक चीज चुभती है
वो कुछ और तो नहीं, बस एक मेरी हस्ती है
नफरत है मेरे अस्तित्व से जिस किसी को भी
उसकी जुबां तो नहीं, पर आंखें सब कहती है।
Time : 2021-12-22 10:51:21
वक़्त है गुजर जाएगा
कुछ यादें दे जाएगा
जिन यादों में तुम न हो
वो दर्द बन के रह जाएगा।।
Time : 2021-12-21 12:57:23
हवा का प्यारा सा झोंका जब छू जाए तेरे गालों को
समझ जाना तब आधार मिल गया है मेरे अधरों को.....
Time : 2021-04-14 13:18:59
कलमकार हूं
कलमकार हूं
कलम चलाता हूं
कभी अपना तो कभी
दूसरों का हाल बताता हूं।
जरूरी नहीं हर बार
हो मेरा ही समाचार
कभी-कभी जीवन
की राह खंगाल आता हूं
क्योंकि कलमकार हूं
कलम चलाता हूं।
स्वपनों को छाप दूं
क्या जरूरी है
कभी सच्चाई को
जो छुपी है
उजालें में उभार आता हूं
क्योंकि कलमकार हूं
कलम चलाता हूं।
रोटी को तरसते
भूखे नंगे बच्चे जो बिलखते
और आप भोजन में थाली में छोड़ते
ऐसे मसले को भी समाज को
दिखलाता हूं
क्योंकि कलमकार हूं
कलम चलाता हूं।
बेटी मार दी जाती
कभी बेटे की चाह में
मां बाप बूढ़े हो जाते
बेटों से मिलने की आह में
उनके भाव को शब्दों में
बिखराता हूं
क्योंकि कलमकार हूं
कलम चलाता हूं।
जल बिन धरती सूखी
आकाश का सूनापन
भेंट चढ रही प्रकृति स्वार्थ की
न बचाया तो पछताएंगे
ये आवाज जन -जन तक
पहुंचाता हूं
क्योंकि कलमकार हूं
कलम चलाता हूं।
वक्त की मार पड़े
दर्द आ द्वार खड़े
पहले ही कभी
सबको सीख दे
आगाह भविष्य से करवाता हूं
क्योंकि कलमकार हूं
कलम चलाता हूं
Time : 2021-04-15 16:17:06
क्योंकि वो मर्द है...
----------------------------
नहीं पंसद उसे कि कोई उसके अहम से टकराये
उसको नहीं भाता कोई उसके सामने टिक पाए।
क्योंकि उसको बोलती औरत चरित्रहीन लगती है
उसका वर्चस्व नष्ट होता है जब वो खामोशी तोड़ती है।
यदि औरत घरों से बाहर निकल जाए
लगता है उसे प्रतिष्ठा पर आंच न आ जाए।
उसके ठहाके लगाके हंसने से मर्यादा भंग होती है
मगर मूंछे तन जाती है जब औरत घूंघट में संग होती है।
यहां तक कि औरत के नाम में भी उसका नाम जोड़ा जाना चाहिए
उसकी ही पहचान, औरत की पहचान होनी चाहिए।
वो खुद को ही औरत का खुदा समझ बैठता है
अपनी मर्जी के बिना एक कदम नहीं चलने देता है।
क्योंकि वो मर्द है ।।
Time : 2021-04-14 13:14:36
** दिल का मेहमां...**
कभी भुला न सको हमें, ,,
दिल में तेरे, ऐसा मकाम बना लेंगे ।
मेरी आंखों का नूर तुम हो,,,
चेहरे को तेरे, हम अपना ख्वाब. बना लेंगे ।
महसूस करोगे तुम,हर दम पास अपने,,,
तुम्हें सांसों का हकदार बना लेंगे ।
धड़कनों में नाम तेरा गूंजें,
तुझे दिल का मेहमां बना लेंगे ।
कभी भुला न सको हमें, ,,
दिल में तेरे, ऐसा मकान बना लेंगे ।
लबों पर तेरे, मेरे नगमे खिलेंगे,,,
तुझे हम मुहब्बत -ए-बहार बना लेंगे ।
इजाजत दे तू अगर,, तुझको
हम अपना हमसफर बना लेंगे ।
मेरी नजरों से दौर-ए-मुहब्बत देखो,,,,
खुद को लुटा के भी ,तुम्हें अपना बना लेंगे ।
कभी भुला न सको हमें, ,
दिल में तेरे,ऐसा मकाम बना लेंगे ।
Time : 2021-04-14 13:12:12
** सागर की लहरों में .... **
हूं मैं नदियां की बहती धारा
मिलना चाहूं सागर की लहरों में ।
तन्हा ही पहाड़ों से मैदानों तक बहती रही निरन्तर
खोना चाहूं अब सागर की लहरों में ।
बहते-बहते थकी हूं बहुत
आराम चांहू मैं सागर की लहरों में ।
बहुत दूर से चली बहुत दूर तक आयी
अब रूकना चाहूं सागर की लहरों में ।
पथरीली राहों में राह बनाकर मीलों तय किये इस उम्मीद से
पनाह मिलें मुझे सागर की लहरों में ।
तपती धरती की प्यास बुझाकर,
आ गई. शायद प्यास बुझ जाए मेरी सागर की लहरों में ।
हूं मैं नदियां की बहती धारा
किनारा चाहूं मैं सागर की लहरों में ।
Time : 2021-04-14 13:09:41
** इंतजार **
एक अजनबी का है इंतजार
कर सके जिस पर खुद से ज्यादा एतबार
जिसकी आँखों से देख सके जहाँ सारा
बीते हर लम्हा साथ उसके
गमो की शाम और खुशियों का सवेरा
कभी प्यार भरी बाते हो कभी हो मीठी तकरार
एक ऐसे अजनबी का है इंतजार
आने से जिसके झूम उठे जीवन में बहार
खयालो में खो जाये एक दूजे के
दोनों के दरमिया हो बस प्यार
उससे मेरा और मुझको उसका
पूरा हो जाए अधूरा संसार
बस एक ऐसा अजनबी का है इंतजार
Time : 2021-04-14 13:07:28
गम़ मेरे हैं तो आँसू भी मेरे ही बहने दो
थोड़ी देर तन्हाई के आगोश में रहने दो
दिल-ओ-दिमाग में जंग छिड़ी है अभी
वक्त़ देते हैं,एक दूसरे को समझने दो
Time : 2021-04-14 13:02:00
"" बचपन के सपने""
खेल खिलौनों से खेलते,
मासूमियत. की मिट्टी में लिपटे,
धमा-चौकड़ी के धूल में सने,
कुछ छोटे कुछ बडे़,
वो बचपन. के सपने।
एक उम्मीद के बक्से में जिन्हें संजोये,
सोच के ये कि जब होंगे हम सयाने,
खोल बक्से से,
धूल जमें सपने को निकालें,
झाड़-पोंछ कर,नया रूप देकर
फिर से उन्हें जियें,
मगर जिन्दगी की रेल,
भागे अपनी रफ्तार लिये।
सबसे आगे निकलने की दौड़ में,
सब कुछ पा लेने की होड़ में,
जाने कहाँ, , छूटा वो सपनों का बक्सा,
जिसमें था बचपन सारा सिमटा।
बडे़ हो गये हम इतने ...
कि अब तो याद भी न रहें, ,
वो बचपन के सपनें।।
Time : 2021-04-14 12:59:46
** एक कविता कहो ऐसी प्रिय **
----------------------------
एक कविता कहो ऐसी प्रिय.
आखर आखर बिंध प्रीत लिए
प्रत्येक पंक्ति प्रेम रस पिरोये
बावरा मन सुध बुध खोये
एक कविता कहो ऐसी प्रिय
कुछ ऐसे कहना कि
जाग उठे बूंद बूंद माधुर्य
रोम रोम पुलकित हो जाये
प्रमुदित प्रफुल्लित हो हृदय
एक कविता कहो ऐसी प्रिय
पल ये सुरमई हो जाये
और हौले से यौवन मुस्काए
उपजे मन में भाव दाम्पत्य
तुम्हे देख गुनगुनाऊ गीत प्रणय
एक कविता कहो ऐसी प्रिय
Time : 2021-04-14 12:58:05
अब एक एक लफ़्ज समझाने लगे गर तुम्हें, तो सदियां बीत जाएंगी !
आंखें पढ़ लो एक बार , बात सारी आईने की तरह साफ नजर आएगी !!
Time : 2021-03-23 08:41:07
अक्सर ही ऐसा होता है जब नाम तेरा जुबां पर आता है तो, धडकनें मेरी थम जाती हैं....
कैसी कशिश है, तुझमें सनम जो देेख कर ही तुझे मेरी हर तकलीफ़ कम हो जाती है।।
Time : 2021-03-23 08:40:26
किससे जबाब तलब करते
सवाल भी मैं जबाब भी मैं ॥
Time : 2021-03-23 08:39:45
मैनें मुस्कुराहट का लिबास ओढा है जब से
आंखों ने आंसू बहाना तो छोड दिया
मगर दिल नादान इतना कि रोता है अब भी
और बेपरवाहों से रस्ता अपना मोड़ लिया
Time : 2021-03-23 08:39:13
मेरा शहर सुबह के ताजे अखबार सा हैमेरा शहर सुबह के ताजे अखबार सा है
ना देखेँ जब तक पन्नोँ को इसके पलट कर
लगे दिन सारा बेकार सा है
क्योकिँ ये पन्नोँ मेँ बसे संसार सा है
मेरा शहर सुबह के ताजे अखबार सा है
तलब लगे सबसे पहले जिसकी
एक प्याली चाय की चुस्की जो नीँद से जगाती
भोर की पहली चाय के इंतजार सा है
मेरा शहर सुबह के ताजे अखबार सा है
सूरज की लाली से रंग चुनेँ
चिङियोँ की चहक से शब्द बुनेँ
बदलाव की बयार सा है
प्रेम और सौहाद्र के पुकार सा है
मेरा शहर सुबह के ताजे अखबार सा है
असर करेँ खबर वजूद इसका असरदार सा है
मेरा शहर सच्चे दिलदार सा है
Time : 2021-03-23 08:38:31
Ek pal k liye laga ki sb kuch kho diya Maine...
Itna khalipan kabhi mahsus nhi kiya Maine...
Tere aashuyo ki kasam ...h Mjhe
kbhi khudh KO Jo bina tere mahsus kiya Maine...
Kbhi tere dil ki dharkano PR mere sargam gujte..
Khud hi sb tabaah kr liya Maine....
Gharonda ek chota sa bnane ki chaht to apni bhi h...
KB is khawab KO mitti me mila diya Maine.....
Uajar si kr di jindgi Teri .. Viraniya bhar Di ... Khushiyo ki jagh ye kaisa manjar bna diya Maine....
Ho ske to maaf kr Dena ...
Teri kasti KO ubara to nhi.. dubaya kiya Maine...
Time : 2021-03-23 08:37:48
जब जब तू दिखाता है सपने
मैं देखती जाती हूं
तेरे दिखाये सपनों में जैसे कहीं गुम सी हो जाती हूं
एक-एक लम्हा बीते जैसे संग सपनों के
मैं पोर-पोर उनमें इसी तरह घुलती जाती हूं
रग - रग में खूं के जैसे तू और तेरे दिखाये सपने
एक-एक मोती पिरो माला बनाती जाती हूं
फिर एक दिन न जाने क्या कैसे और क्यों होता है
बेरहम की तरह तू खुद दिखाये सपनों को रौंदता है
और मैं कभी न सिमटने के लिए बिखरती जाती हूं॥
Time : 2021-03-23 08:37:16
मैं एक गजल कहना चाहता हूं
तेरी हर एक अदा को लफ्ज बना
शब्दों में अपने पिरोना चाहता हूं
तेरी आंखों में समन्दर जो अथाह
तेरी जुल्फों में बदरा जैसे स्याह
नर्म होंठ जैसे पंखुडी गुलाब
चेहरा जैसे रौशन आफताब
दिलकश तेरे जलवों को
अपने तरीके से गढ़ना चाहता हूं
मैं एक गजल कहना चाहता हूं
संगमरमरी बदन को तराशा खुदा ने
कोई कसर न छोडी कलाकारी लुटाने में
गढा हो चाहे जिस भी सांचे में तेरी सूरत को
लगती हो मगर खूबसूरत इबादत की मूरत हो
खुदा से पहले तेरी इबादत करना चाहता हूं
मैं एक गजल कहना चाहता हूं
Time : 2021-03-23 08:36:21
खूं-ए-जिगर से पूछ लो गर न हो एतबार कतरा कतरा तेरी दिवानगी की गवाही देगा
Time : 2021-03-23 15:01:32
अक्सर ही ऐसा होता है जब नाम तेरा जुबां पर आता है तो, धडकनें मेरी थम जाती हैं
कैसी कशिश है, तुझमें सनम जो देेख कर ही तुझे मेरी हर तकलीफ़ कम हो जाती है।।
Time : 2021-03-23 15:02:08
पूछे कोई मुझसे कि जिन्दगी क्या से क्या हो गई है
सूखे पत्तों सी मैं और दुनिया हवा हो गई है।
Time : 2021-03-23 08:29:11
Kya kahu yrrrr tera andaaz sbse juda hai
Tere ikraar-e-mohbaat ki alag hi ada hai
Badi khushnaseeb h vo mohtarma Jis par
Yarr mera dil-o-jaan se fida hai
Time : 2021-03-23 15:02:36
हर्फ़- हर्फ़ तुझमें घुलने की ख्वाहिश है
मेरी रूह को बस इतनी सी इजाजत दे दो
Time : 2021-03-23 08:26:16
मेरा इमां तुम , मेरा अरमां भी तुम
मेरा ख्बाब हो , मेरा जहाँ हो तुम
तुम से मेरी जिन्दगी की खुशियाँ
जिधर भी नजर करूं वहाँ हो तुम
Time : 2021-03-23 08:18:11
तेरी यादों के बारिश में भीगी जमीं हूँ
कभी पूरी न हो सकूं मैं वो कमी हूँ
Time : 2021-03-23 08:16:59
आजादी की मशाल जो शहीद लहू से अपने जला गये।
याद आते ही उनकी कुर्बानियां आंखों में आंसू आ गये।
करते हैं वंदन और नमन भारत के उन वीर सपूतों को,
जो शीश अपना मातृभूमि के चरणों में भेंट चढ़ा गये।।
Time : 2021-03-23 08:05:36
जागती आंखों का ख्बा़ब तुम हो महकते गुलशन का गुलाब तुम हो
जाहिर नहीं कर सकते लफ्जों में जिन्दगी की पूरी किताब तुम हो।।।
नीतू©
Time : 2021-03-15 18:51:13
मेरा शहर सुबह के ताजे अखबार सा हैमेरा शहर सुबह के ताजे अखबार सा है
ना देखेँ जब तक पन्नोँ को इसके पलट कर
लगे दिन सारा बेकार सा है
क्योकिँ ये पन्नोँ मेँ बसे संसार सा है
मेरा शहर सुबह के ताजे अखबार सा है
तलब लगे सबसे पहले जिसकी
एक प्याली चाय की चुस्की जो नीँद से जगाती
भोर की पहली चाय के इंतजार सा है
मेरा शहर सुबह के ताजे अखबार सा है
सूरज की लाली से रंग चुनेँ
चिङियोँ की चहक से शब्द बुनेँ
बदलाव की बयार सा है
प्रेम और सौहाद्र के पुकार सा है
मेरा शहर सुबह के ताजे अखबार सा है
असर करेँ खबर वजूद इसका असरदार सा है
मेरा शहर सच्चे दिलदार सा है
Time : 2021-03-23 08:38:31
Ek pal k liye laga ki sb kuch kho diya Maine...
Itna khalipan kabhi mahsus nhi kiya Maine...
Tere aashuyo ki kasam ...h Mjhe
kbhi khudh KO Jo bina tere mahsus kiya Maine...
Kbhi tere dil ki dharkano PR mere sargam gujte..
Khud hi sb tabaah kr liya Maine....
Gharonda ek chota sa bnane ki chaht to apni bhi h...
KB is khawab KO mitti me mila diya Maine.....
Uajar si kr di jindgi Teri .. Viraniya bhar Di ... Khushiyo ki jagh ye kaisa manjar bna diya Maine....
Ho ske to maaf kr Dena ...
Teri kasti KO ubara to nhi.. dubaya kiya Maine...
Time : 2021-03-23 08:37:48
जब जब तू दिखाता है सपने
मैं देखती जाती हूं
तेरे दिखाये सपनों में जैसे कहीं गुम सी हो जाती हूं
एक-एक लम्हा बीते जैसे संग सपनों के
मैं पोर-पोर उनमें इसी तरह घुलती जाती हूं
रग - रग में खूं के जैसे तू और तेरे दिखाये सपने
एक-एक मोती पिरो माला बनाती जाती हूं
फिर एक दिन न जाने क्या कैसे और क्यों होता है
बेरहम की तरह तू खुद दिखाये सपनों को रौंदता है
और मैं कभी न सिमटने के लिए बिखरती जाती हूं॥
Time : 2021-03-23 08:37:16
मैं एक गजल कहना चाहता हूं
तेरी हर एक अदा को लफ्ज बना
शब्दों में अपने पिरोना चाहता हूं
तेरी आंखों में समन्दर जो अथाह
तेरी जुल्फों में बदरा जैसे स्याह
नर्म होंठ जैसे पंखुडी गुलाब
चेहरा जैसे रौशन आफताब
दिलकश तेरे जलवों को
अपने तरीके से गढ़ना चाहता हूं
मैं एक गजल कहना चाहता हूं
संगमरमरी बदन को तराशा खुदा ने
कोई कसर न छोडी कलाकारी लुटाने में
गढा हो चाहे जिस भी सांचे में तेरी सूरत को
लगती हो मगर खूबसूरत इबादत की मूरत हो
खुदा से पहले तेरी इबादत करना चाहता हूं
मैं एक गजल कहना चाहता हूं
Time : 2021-03-23 08:36:21
सिर्फ मैं और मेरी स्याही हकदार हैं तुझपे नज्म़ की
बदले में बस कदर चाहिए मेरे एक-एक लफ़्ज की।।
Time : 2024-09-24 14:02:52
दिल नादान ख्यालों को ही सच जान लेता है,
जेहन में तेरे तस्वीर को अपना मान लेता है।।
Time : 2022-02-21 18:25:11
हर किसी की आँखों में जो एक चीज चुभती है
वो कुछ और तो नहीं, बस एक मेरी हस्ती है
नफरत है मेरे अस्तित्व से जिस किसी को भी
उसकी जुबां तो नहीं, पर आंखें सब कहती है।
Time : 2021-12-22 10:51:21
वक़्त है गुजर जाएगा
कुछ यादें दे जाएगा
जिन यादों में तुम न हो
वो दर्द बन के रह जाएगा।।
Time : 2021-12-21 12:57:23
हवा का प्यारा सा झोंका जब छू जाए तेरे गालों को
समझ जाना तब आधार मिल गया है मेरे अधरों को.....
Time : 2021-04-14 13:18:59
गम़ मेरे हैं तो आँसू भी मेरे ही बहने दो
थोड़ी देर तन्हाई के आगोश में रहने दो
दिल-ओ-दिमाग में जंग छिड़ी है अभी
वक्त़ देते हैं,एक दूसरे को समझने दो
Time : 2021-04-14 13:02:00
अब एक एक लफ़्ज समझाने लगे गर तुम्हें, तो सदियां बीत जाएंगी !
आंखें पढ़ लो एक बार , बात सारी आईने की तरह साफ नजर आएगी !!
Time : 2021-03-23 08:41:07
अक्सर ही ऐसा होता है जब नाम तेरा जुबां पर आता है तो, धडकनें मेरी थम जाती हैं....
कैसी कशिश है, तुझमें सनम जो देेख कर ही तुझे मेरी हर तकलीफ़ कम हो जाती है।।
Time : 2021-03-23 08:40:26
किससे जबाब तलब करते
सवाल भी मैं जबाब भी मैं ॥
Time : 2021-03-23 08:39:45
मैनें मुस्कुराहट का लिबास ओढा है जब से
आंखों ने आंसू बहाना तो छोड दिया
मगर दिल नादान इतना कि रोता है अब भी
और बेपरवाहों से रस्ता अपना मोड़ लिया
Time : 2021-03-23 08:39:13
खूं-ए-जिगर से पूछ लो गर न हो एतबार कतरा कतरा तेरी दिवानगी की गवाही देगा
Time : 2021-03-23 15:01:32
अक्सर ही ऐसा होता है जब नाम तेरा जुबां पर आता है तो, धडकनें मेरी थम जाती हैं
कैसी कशिश है, तुझमें सनम जो देेख कर ही तुझे मेरी हर तकलीफ़ कम हो जाती है।।
Time : 2021-03-23 15:02:08
पूछे कोई मुझसे कि जिन्दगी क्या से क्या हो गई है
सूखे पत्तों सी मैं और दुनिया हवा हो गई है।
Time : 2021-03-23 08:29:11
Kya kahu yrrrr tera andaaz sbse juda hai
Tere ikraar-e-mohbaat ki alag hi ada hai
Badi khushnaseeb h vo mohtarma Jis par
Yarr mera dil-o-jaan se fida hai
Time : 2021-03-23 15:02:36
हर्फ़- हर्फ़ तुझमें घुलने की ख्वाहिश है
मेरी रूह को बस इतनी सी इजाजत दे दो
Time : 2021-03-23 08:26:16
तेरी यादों के बारिश में भीगी जमीं हूँ
कभी पूरी न हो सकूं मैं वो कमी हूँ
Time : 2021-03-23 08:16:59
आजादी की मशाल जो शहीद लहू से अपने जला गये।
याद आते ही उनकी कुर्बानियां आंखों में आंसू आ गये।
करते हैं वंदन और नमन भारत के उन वीर सपूतों को,
जो शीश अपना मातृभूमि के चरणों में भेंट चढ़ा गये।।
Time : 2021-03-23 08:05:36
जागती आंखों का ख्बा़ब तुम हो महकते गुलशन का गुलाब तुम हो
जाहिर नहीं कर सकते लफ्जों में जिन्दगी की पूरी किताब तुम हो।।।
नीतू©
Time : 2021-03-15 18:51:13
कलमकार हूं
कलमकार हूं
कलम चलाता हूं
कभी अपना तो कभी
दूसरों का हाल बताता हूं।
जरूरी नहीं हर बार
हो मेरा ही समाचार
कभी-कभी जीवन
की राह खंगाल आता हूं
क्योंकि कलमकार हूं
कलम चलाता हूं।
स्वपनों को छाप दूं
क्या जरूरी है
कभी सच्चाई को
जो छुपी है
उजालें में उभार आता हूं
क्योंकि कलमकार हूं
कलम चलाता हूं।
रोटी को तरसते
भूखे नंगे बच्चे जो बिलखते
और आप भोजन में थाली में छोड़ते
ऐसे मसले को भी समाज को
दिखलाता हूं
क्योंकि कलमकार हूं
कलम चलाता हूं।
बेटी मार दी जाती
कभी बेटे की चाह में
मां बाप बूढ़े हो जाते
बेटों से मिलने की आह में
उनके भाव को शब्दों में
बिखराता हूं
क्योंकि कलमकार हूं
कलम चलाता हूं।
जल बिन धरती सूखी
आकाश का सूनापन
भेंट चढ रही प्रकृति स्वार्थ की
न बचाया तो पछताएंगे
ये आवाज जन -जन तक
पहुंचाता हूं
क्योंकि कलमकार हूं
कलम चलाता हूं।
वक्त की मार पड़े
दर्द आ द्वार खड़े
पहले ही कभी
सबको सीख दे
आगाह भविष्य से करवाता हूं
क्योंकि कलमकार हूं
कलम चलाता हूं
Time : 2021-04-15 16:17:06
क्योंकि वो मर्द है...
----------------------------
नहीं पंसद उसे कि कोई उसके अहम से टकराये
उसको नहीं भाता कोई उसके सामने टिक पाए।
क्योंकि उसको बोलती औरत चरित्रहीन लगती है
उसका वर्चस्व नष्ट होता है जब वो खामोशी तोड़ती है।
यदि औरत घरों से बाहर निकल जाए
लगता है उसे प्रतिष्ठा पर आंच न आ जाए।
उसके ठहाके लगाके हंसने से मर्यादा भंग होती है
मगर मूंछे तन जाती है जब औरत घूंघट में संग होती है।
यहां तक कि औरत के नाम में भी उसका नाम जोड़ा जाना चाहिए
उसकी ही पहचान, औरत की पहचान होनी चाहिए।
वो खुद को ही औरत का खुदा समझ बैठता है
अपनी मर्जी के बिना एक कदम नहीं चलने देता है।
क्योंकि वो मर्द है ।।
Time : 2021-04-14 13:14:36
** दिल का मेहमां...**
कभी भुला न सको हमें, ,,
दिल में तेरे, ऐसा मकाम बना लेंगे ।
मेरी आंखों का नूर तुम हो,,,
चेहरे को तेरे, हम अपना ख्वाब. बना लेंगे ।
महसूस करोगे तुम,हर दम पास अपने,,,
तुम्हें सांसों का हकदार बना लेंगे ।
धड़कनों में नाम तेरा गूंजें,
तुझे दिल का मेहमां बना लेंगे ।
कभी भुला न सको हमें, ,,
दिल में तेरे, ऐसा मकान बना लेंगे ।
लबों पर तेरे, मेरे नगमे खिलेंगे,,,
तुझे हम मुहब्बत -ए-बहार बना लेंगे ।
इजाजत दे तू अगर,, तुझको
हम अपना हमसफर बना लेंगे ।
मेरी नजरों से दौर-ए-मुहब्बत देखो,,,,
खुद को लुटा के भी ,तुम्हें अपना बना लेंगे ।
कभी भुला न सको हमें, ,
दिल में तेरे,ऐसा मकाम बना लेंगे ।
Time : 2021-04-14 13:12:12
** सागर की लहरों में .... **
हूं मैं नदियां की बहती धारा
मिलना चाहूं सागर की लहरों में ।
तन्हा ही पहाड़ों से मैदानों तक बहती रही निरन्तर
खोना चाहूं अब सागर की लहरों में ।
बहते-बहते थकी हूं बहुत
आराम चांहू मैं सागर की लहरों में ।
बहुत दूर से चली बहुत दूर तक आयी
अब रूकना चाहूं सागर की लहरों में ।
पथरीली राहों में राह बनाकर मीलों तय किये इस उम्मीद से
पनाह मिलें मुझे सागर की लहरों में ।
तपती धरती की प्यास बुझाकर,
आ गई. शायद प्यास बुझ जाए मेरी सागर की लहरों में ।
हूं मैं नदियां की बहती धारा
किनारा चाहूं मैं सागर की लहरों में ।
Time : 2021-04-14 13:09:41
** इंतजार **
एक अजनबी का है इंतजार
कर सके जिस पर खुद से ज्यादा एतबार
जिसकी आँखों से देख सके जहाँ सारा
बीते हर लम्हा साथ उसके
गमो की शाम और खुशियों का सवेरा
कभी प्यार भरी बाते हो कभी हो मीठी तकरार
एक ऐसे अजनबी का है इंतजार
आने से जिसके झूम उठे जीवन में बहार
खयालो में खो जाये एक दूजे के
दोनों के दरमिया हो बस प्यार
उससे मेरा और मुझको उसका
पूरा हो जाए अधूरा संसार
बस एक ऐसा अजनबी का है इंतजार
Time : 2021-04-14 13:07:28
"" बचपन के सपने""
खेल खिलौनों से खेलते,
मासूमियत. की मिट्टी में लिपटे,
धमा-चौकड़ी के धूल में सने,
कुछ छोटे कुछ बडे़,
वो बचपन. के सपने।
एक उम्मीद के बक्से में जिन्हें संजोये,
सोच के ये कि जब होंगे हम सयाने,
खोल बक्से से,
धूल जमें सपने को निकालें,
झाड़-पोंछ कर,नया रूप देकर
फिर से उन्हें जियें,
मगर जिन्दगी की रेल,
भागे अपनी रफ्तार लिये।
सबसे आगे निकलने की दौड़ में,
सब कुछ पा लेने की होड़ में,
जाने कहाँ, , छूटा वो सपनों का बक्सा,
जिसमें था बचपन सारा सिमटा।
बडे़ हो गये हम इतने ...
कि अब तो याद भी न रहें, ,
वो बचपन के सपनें।।
Time : 2021-04-14 12:59:46
** एक कविता कहो ऐसी प्रिय **
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एक कविता कहो ऐसी प्रिय.
आखर आखर बिंध प्रीत लिए
प्रत्येक पंक्ति प्रेम रस पिरोये
बावरा मन सुध बुध खोये
एक कविता कहो ऐसी प्रिय
कुछ ऐसे कहना कि
जाग उठे बूंद बूंद माधुर्य
रोम रोम पुलकित हो जाये
प्रमुदित प्रफुल्लित हो हृदय
एक कविता कहो ऐसी प्रिय
पल ये सुरमई हो जाये
और हौले से यौवन मुस्काए
उपजे मन में भाव दाम्पत्य
तुम्हे देख गुनगुनाऊ गीत प्रणय
एक कविता कहो ऐसी प्रिय
Time : 2021-04-14 12:58:05